Saturday, January 16, 2016

भारतीय वायु सेना का विशेष कमांडो बल – गरुड़

भारतीय वायुसेना के विशेष कमांडो दस्‍ते गरुड़ का गठन वर्ष 2003 में भारतीय वायुसेना की आंतरिक क्षमताओं में बढ़ोतरी के उद्देश्‍य से किया गया था। गरुड़ कमांडो को विशेष तौर पर महत्‍वपूर्ण वायुसेना स्‍टेशनों पर त्‍वरित कार्रवाई बल, वायुसेना के महत्‍वपूर्ण स्‍टेशनों की सुरक्षा, शांति और युद्ध के समय तलाशी और बचाव अभियान, आतंकवाद निरोधी कार्रवाइयों और विशेष मिशन के लिए किया गया है। इन्‍हें नियमित रूप से प्राकृतिक आपदाओं के समय आपदा राहत कार्यों में प्रशासन की मदद का कार्य सौंपा जाता है। गरुड़ कमांडो को संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ के समर्थन के लिए भारतीय दूतावासों और युद्धग्रस्‍त क्षेत्रों से भारतीय नागरिकों को निकालने में प्रभावी रूप से किया जाता है। 

गरुड़ कमांडो की शरुआती ट्रेनिंग भारतीय सेना, नौसेना, आईटीबीपी, एनएसजी और स्‍पेशल फ्रंटियर फोर्स के कमांडो पाठ्यक्रम के साथ कराई जाती है, ताकि उनको विभिन्‍न परिस्थितियों में उनकी क्षमताओं का विशेष प्रदर्शन हो सके। गरुड़ कमांडो को कश्‍मीर घाटी में जमीनी अभ्‍यास के लिए भी तैनात किया गया है। गत बारह वर्षों में प्राप्‍त किए गए अनुभवों के आधार पर गरुड़ कमांडो को अब भारतीय वायुसेना द्वारा गरुड़ रेजिमेंटल प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षित किया जाता है। गरुड़ कमांडो के छोटे दस्‍तों को विशेष ऑपरेशन के लिए अन्‍य बलों और अर्द्धसैनिक संगठनों के साथ भी प्रशिक्षित किया जाता है। भारतीय वायुसेना के इस विशेष बल ने विदेशी विशेष बलों के साथ अभ्‍यासों में भागीदारी की है और अपने प्रशिक्षण और क्षमताओं का श्रेष्‍ठ प्रदर्शन किया है। भूमि, जल और वायु में अपनी विशेष क्षमताओं के द्वारा गरुड़ कमांडो किसी भी युद्ध या आतंकवाद निरोधी ऑपरेशन में महत्‍वपूर्ण साबित होते हैं और कठिन परिस्थि‍तियों में इनकी सबसे अधिक मांग की जाती है। इन्‍हें सर्वाधिक याद किया जाता है।

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