नई दिल्ली
पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले से आजादी की वर्षगांठ पर दिए भाषण में भले ही भविष्य की तमाम योजनाओं का खाका खींचा हो, लेकिन वन रैंक वन पेंशन को लेकर स्पष्ट ऐलान किए जाने से पूर्व सैनिकों को एक बार फिर निराशा हाथ लगी। यह दूसरा मौका था, जब पीएम मोदी से पूर्व सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन को लागू करने का ऐलान किए जाने की उम्मीद थी। लेकिन पीएम मोदी ने यह कहकर कि इसे सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है और संबंधित पक्षों से बातचीत चल रही है, उनके इंतजार को और बढ़ा दिया है।
पिछले दिनों दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के दौरान पूर्व सैनिकों ने यह मांग भी की थी कि कम से कम 15 अगस्त के दिन उन्हें यह ऐलान करना ही चाहिए। टीवी चैनल से बातचीत में पूर्व सैनिकों ने मोदी की ओर से ऐलान न किए जाने को निराशाजनक करार देते हुए कहा कि हमने उनके लिए काफी प्रयास किए हैं, लेकिन वे हमारी उम्मीदों पर खरे नहीं उतर रहे।
यह दूसरा मौका था, जब पीएम मोदी से इस मसले पर स्पष्ट ऐलान किए जाने की उम्मीद की जा रही थी। इससे पहले मई में जब वह अपनी साल का एक साल पूरा होने पर रैली करने गए थे, तब भी पूर्व सैन्यकर्मियों को ऐसी ही उम्मीद थी। ऐसा ही माहौल इस बार भी बनाया जा रहा था।
लाल किले के प्राचीर से पीएम मोदी ने इतना ही कहा कि सरकार ने इसे सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है, लेकिन अभी संगठनों से बातचीत चल रही है। पीएम मोदी के इस दावे से उन पूर्व सैनिकों को निराशा ही हाथ लगी है, जिन्हें तमाम वादों के बाद आजादी के मौके पर किसी ठोस ऐलान की उम्मीद थी।
SOURCE - NDTV
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