वन रैंक,वन पेंशन (OROP), इस मुद्दे पर बहस करने के लिए स्वतंत्रता दिवस से बेहतर मौका हो नहीं हो सकता. स्वतंत्रता के जिन मायनों को हम जीते हैं, जिस आजादी में हम बेखौफ होकर चर्चा करते है, अपनी बात रखते है. उसी स्वतंत्रता को बरकरार रखने वाले हमारे जाबांज सैनिक अपनी ही बात कहने के लिए आजाद नहीं हैं.
जिस लहराते तिरंगा को चमकती आंखों से देखते हुए खुद के स्वतंत्र होने का बोध कराते है, उसी तिरंगे के लिए मर मिटने वाले हमारे सैनिक, देश में आज हड़ताल पर बैठे. और सबसे बड़ी बात कंगूर पर बैठे हुक्मुरानों को उन सैनिकों से खतरा महसूस होता है, क्या वाकई हम स्वतंत्र है ?
दिल्ली के जंतर मंतर पर OROP के लिए धरने पर बैठे सैनिकों की मांगों को भूल, अब उस पर सियासत होने लगी है, स्वतंत्रता दिवस की इस मौके पर खुशहाली का माहौल दिखाने के लिए हमारे सियासतदान उन्हे उस जंतर मंतर से हटाना चाहते हैं. अरविंद केजरीवाल ने सरकार की इस कार्रवाई पर अपनी टिप्पणी तीखे अंदाज में कर दी.
Source - India trending now
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